वैदिक दिनचर्या जो बच्चों को दे बेहतर स्वास्थ्य और संस्कार – अभी जानिए!

माँ अपने बच्चों के साथ वैदिक दिनचर्या का पालन करते हुए – एक बच्चा प्रार्थना में लीन, दूसरा पौष्टिक पेय पीते हुए, पास में अग्निहोत्र यज्ञ।

बच्चों के लिए वैदिक दिनचर्या का महत्व आज की आधुनिक जीवनशैली में जहां बच्चों का समय मोबाइल, टीवी और फास्ट फूड में बीतता है, वहीं वैदिक दिनचर्या बच्चों को संतुलित, अनुशासित और संस्कारी बनाने में मदद करती है। “वैदिक दिनचर्या बच्चों के लिए” न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करती है बल्कि मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक विकास में भी सहायक होती है। प्रभात बेला: जागरण और सूर्य नमस्कार से शुरुआत दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) में बच्चों को जगाने की आदत डालें। यह…

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जानिए प्राचीन ऋषियों की 5 रहस्यमयी दिनचर्याएं जो उन्हें दीर्घायु और रोगमुक्त बनाती थीं

"प्राचीन ऋषि ध्यान, योग और आयुर्वेदिक जीवनशैली का पालन करते हुए – दीर्घायु और रोगमुक्त जीवन की प्रतीक छवि"

जानिए प्राचीन ऋषियों की 5 रहस्यमयी दिनचर्याएं जिनकी वजह से वे न केवल दीर्घायु थे, बल्कि जीवनभर रोगमुक्त भी रहते थे। आज की आधुनिक जीवनशैली में जहाँ रोग, तनाव और समय की कमी आम बात हो गई है, वहीं प्राचीन भारत के ऋषि अपनी अनुशासित और आध्यात्मिक जीवनशैली के कारण 100 वर्ष से अधिक दीर्घायु और पूर्णतः स्वस्थ रहते थे। उनकी दिनचर्याएं केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक, आत्मिक और भावनात्मक संतुलन भी बनाए रखती थीं। इस लेख में हम आपको बताएंगे वे 5 विशेष रहस्यमयी दिनचर्याएं जो आज…

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