ब्रह्मचर्य: 1 मूल वैदिक स्तम्भ जो बनाए आत्मा को शक्तिशाली – यह केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन की दिशा को नियंत्रित करने वाला नियम है। वैदिक संस्कृति में ब्रह्मचर्य को चार आश्रमों के पहले आश्रम के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है और इसे आत्मा की शक्ति, मन की स्थिरता और जीवन की ऊँचाई का आधार माना गया है। ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल शारीरिक संयम नहीं होता, बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर पर स्वयं को एक उच्च ऊर्जा की ओर केंद्रित करने का मार्ग है। यह…
Read More