पाँच आयुर्वेदिक दोष और उन्हें संतुलित करने के सरल वैदिक उपाय

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और पाँच दोषों के प्रतीक चिन्हों के साथ प्राकृतिक चिकित्सा का दृश्य

पाँच आयुर्वेदिक दोष और उन्हें संतुलित करने के सरल वैदिक उपाय आयुर्वेद में दोषों की भूमिका प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली, आयुर्वेद, शरीर को तीन प्रमुख दोषों के आधार पर समझाती है—वात, पित्त और कफ। ये दोष हमारे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं। हर व्यक्ति के शरीर में ये दोष अलग-अलग मात्रा में मौजूद होते हैं। जब ये दोष संतुलन में रहते हैं, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। परन्तु जब इनका असंतुलन होता है, तो शारीरिक और मानसिक रोग उत्पन्न होते हैं। वात दोष और उसका वैदिक…

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