— शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सनातन उपाय परिचय आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में तनाव, अनियमित आहार, और असंतुलित जीवनशैली के कारण रोग निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। लोग केवल आधुनिक दवाओं पर निर्भर होकर मूल कारणों को नजरअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन वेदों और आयुर्वेद में न केवल रोगों के लक्षणों का इलाज मिलता है, बल्कि उनकी जड़ को समाप्त करने का ज्ञान भी दिया गया है। वैदिक परंपरा में स्वास्थ्य को केवल शरीर तक सीमित नहीं माना गया — यह शरीर, मन, और आत्मा का समन्वय…
Read MoreCategory: सेहत और रोग
तनाव और चिंता को दूर करने वाले 5 वैदिक मंत्र और साधनाएं
तनाव और चिंता को दूर करने वाले 5 वैदिक मंत्र और साधनाएं तनाव और चिंता को दूर करने वाले 5 वैदिक मंत्र और साधनाएं आपके मन-चित्त में स्थिरता और गहरी शांति लाने के प्राचीन, सिद्ध उपाय हैं। आधुनिक जीवन की भाग-दौड़, सोशल मीडिया की सकारात्मक-अनकारात्मक लहरें और बढ़ता दबाव—ये सभी हमारी मानसिक सेहत को प्रभावित करते हैं। वैदिक शास्त्र बताते हैं कि मंत्र-जप, ध्यान, प्राणायाम और यज्ञ जैसे साधनाएं चित्त की अशांति मिटाकर जीवन में संतुलन ला सकती हैं। महामृत्युंजय मंत्र से जीवन-ऊर्जा का संचारॐ त्र्यम्बकं यजामहे… महामृत्युंजय मंत्र का…
Read Moreवेदों के अनुसार रोग कैसे जन्म लेते हैं और उनका आत्मिक समाधान
वेदों के अनुसार रोग कैसे जन्म लेते हैं और उनका आत्मिक समाधान वेदों के अनुसार रोग कैसे जन्म लेते हैं इस विषय पर शास्त्र बताते हैं कि शारीरिक अस्वस्थता केवल शरीर के दोष से नहीं, अपितु मन, वाणी और कर्मों की अशुद्धि से भी उत्पन्न होती है। औषधि द्वारा बाह्य रूप से आराम तो मिलता है, लेकिन रोग के गहरे कारण — कर्म दोष, मानसिक बंदन, आहार-विहार असंतुलन — नए रोगों को आमंत्रित करते रहते हैं। आइए विस्तार से जानें वेदों के अनुसार रोगोत्पत्ति के कारण और उनका आत्मिक समाधान।…
Read Moreपाँच आयुर्वेदिक दोष और उन्हें संतुलित करने के सरल वैदिक उपाय
पाँच आयुर्वेदिक दोष और उन्हें संतुलित करने के सरल वैदिक उपाय आयुर्वेद में दोषों की भूमिका प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली, आयुर्वेद, शरीर को तीन प्रमुख दोषों के आधार पर समझाती है—वात, पित्त और कफ। ये दोष हमारे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं। हर व्यक्ति के शरीर में ये दोष अलग-अलग मात्रा में मौजूद होते हैं। जब ये दोष संतुलन में रहते हैं, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। परन्तु जब इनका असंतुलन होता है, तो शारीरिक और मानसिक रोग उत्पन्न होते हैं। वात दोष और उसका वैदिक…
Read Moreघर पर करें यज्ञ और पाएँ रोगों से छुटकारा: वेदों की अग्नि चिकित्सा से समाधान
घर पर यज्ञ और रोगों से छुटकारा: वेदों की अग्नि चिकित्सा से समाधान घर पर यज्ञ और रोगों से छुटकारा प्राप्त करना न केवल एक धार्मिक प्रक्रिया है, बल्कि वेदों में वर्णित अग्नि चिकित्सा का गूढ़ रहस्य भी है। “घर पर यज्ञ और रोगों से छुटकारा” विषय आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी उपाय बन चुका है। वेदों में यज्ञ को केवल देवताओं को प्रसन्न करने का माध्यम नहीं माना गया, बल्कि इसे मानसिक, शारीरिक और पर्यावरणीय शुद्धि का प्रमुख उपाय बताया गया है। यज्ञ…
Read Moreवैदिक दिनचर्या जो बच्चों को दे बेहतर स्वास्थ्य और संस्कार – अभी जानिए!
बच्चों के लिए वैदिक दिनचर्या का महत्व आज की आधुनिक जीवनशैली में जहां बच्चों का समय मोबाइल, टीवी और फास्ट फूड में बीतता है, वहीं वैदिक दिनचर्या बच्चों को संतुलित, अनुशासित और संस्कारी बनाने में मदद करती है। “वैदिक दिनचर्या बच्चों के लिए” न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करती है बल्कि मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक विकास में भी सहायक होती है। प्रभात बेला: जागरण और सूर्य नमस्कार से शुरुआत दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) में बच्चों को जगाने की आदत डालें। यह…
Read Moreरोग नाश के लिए आजमाएँ 7 सिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ – धर्मग्रंथों द्वारा प्रमाणित उपाय
रोग नाश के लिए आजमाएँ 7 सिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ – धर्मग्रंथों द्वारा प्रमाणित उपाय आयुर्वेद में वर्णित जड़ी-बूटियाँ केवल औषधियाँ नहीं हैं, बल्कि ये प्रकृति का उपहार हैं जो मानव जीवन को रोगमुक्त और संतुलित बनाती हैं। धर्मग्रंथों और वैदिक शास्त्रों में ऐसी कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख है, जो न केवल शरीर से रोगों का नाश करती हैं, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करती हैं। यह लेख “रोग नाश के लिए सिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ” विषय पर आधारित है, जिसमें हम 7 शक्तिशाली वनस्पतियों और उनके उपयोगों को विस्तार से समझेंगे।…
Read Moreरोगों से छुटकारा पाने के 3 गहरे कारण – कर्म दोष और मंत्र चिकित्सा का प्रभाव
रोगों से छुटकारा पाने के 3 गहरे कारण – कर्म दोष और मंत्र चिकित्सा का प्रभाव रोगों से छुटकारा केवल औषधियों या इलाज से नहीं मिलता, बल्कि इसके पीछे कुछ गहरे आध्यात्मिक और कर्मिक कारण भी होते हैं। आयुर्वेद और वेदों के अनुसार, रोग सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक स्तर पर भी होते हैं। इस लेख में हम तीन प्रमुख गहरे कारणों को समझेंगे जो रोगों का मूल कारण बनते हैं – कर्म दोष, मंत्र चिकित्सा, और आध्यात्मिक ऊर्जा का असंतुलन। Vedadham आपको केवल समाधान ही नहीं…
Read Moreजानिए प्राचीन ऋषियों की 5 रहस्यमयी दिनचर्याएं जो उन्हें दीर्घायु और रोगमुक्त बनाती थीं
जानिए प्राचीन ऋषियों की 5 रहस्यमयी दिनचर्याएं जिनकी वजह से वे न केवल दीर्घायु थे, बल्कि जीवनभर रोगमुक्त भी रहते थे। आज की आधुनिक जीवनशैली में जहाँ रोग, तनाव और समय की कमी आम बात हो गई है, वहीं प्राचीन भारत के ऋषि अपनी अनुशासित और आध्यात्मिक जीवनशैली के कारण 100 वर्ष से अधिक दीर्घायु और पूर्णतः स्वस्थ रहते थे। उनकी दिनचर्याएं केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक, आत्मिक और भावनात्मक संतुलन भी बनाए रखती थीं। इस लेख में हम आपको बताएंगे वे 5 विशेष रहस्यमयी दिनचर्याएं जो आज…
Read Moreकैसे शुद्ध आहार और वैदिक जीवनशैली लाएं आपके जीवन में 7 सकारात्मक बदलाव
कैसे शुद्ध आहार और वैदिक जीवनशैली लाएं आपके जीवन में 7 सकारात्मक बदलाव कैसे शुद्ध आहार और वैदिक जीवनशैली आपके जीवन में 7 सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, यह जानना आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारी आधुनिक जीवनशैली में तनाव, बीमारियां और मानसिक थकावट आम हो गई है, लेकिन शुद्ध आहार और वैदिक जीवनशैली अपनाकर आप न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी सशक्त बन सकते हैं। यह लेख उन 7 प्रमुख सकारात्मक बदलावों को विस्तार से समझाएगा, जिनका…
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