व्यापार में मंदी, घाटा, अड़चनें और असफलता जैसी समस्याएँ केवल आर्थिक नहीं होतीं, ये कई बार ग्रहों की अशुभ स्थिति का भी परिणाम होती हैं। अगर व्यापार में लगातार परेशानियाँ आ रही हैं, तो यह समय है कि आप व्यापार में बरकत के लिए ग्रह शांति पूजा का सहारा लें।
ग्रह शांति पूजा न केवल अशुभ ग्रहों की शांति के लिए की जाती है, बल्कि यह आपकी मेहनत और नीयत को फल देने में सहायक बनती है। वैदिक शास्त्रों में ग्रहों की ऊर्जा का प्रभाव मानव जीवन पर स्पष्ट रूप से बताया गया है। इस लेख में हम जानेंगे व्यापार में सफलता और बरकत के लिए किन-किन ग्रहों की शांति आवश्यक है और यह पूजा कैसे करें।
व्यापार में बाधा देने वाले ग्रह
व्यापार की असफलता और रुकावट के पीछे प्रायः निम्न ग्रहों की अशुभ स्थिति मानी जाती है:
- शनि (Saturn): धीमा फल देने वाला लेकिन कर्म के अनुसार फल देने वाला ग्रह। व्यापार में रुकावटें और नुकसान इसके अशुभ प्रभाव से होते हैं।
- राहु और केतु: भ्रम, धोखा और अचानक हानि के कारक।
- मंगल (Mars): अत्यधिक ऊर्जा और जल्दबाज़ी के कारण नुकसान हो सकता है।
- बुध (Mercury): व्यापार का प्रतिनिधि ग्रह, यदि अशुभ हो तो निर्णय शक्ति कमजोर हो जाती है।
ग्रह शांति पूजा की आवश्यकता क्यों?
जब कुंडली में कोई ग्रह नीच का हो, अशुभ भाव में स्थित हो या शत्रु ग्रहों के साथ हो, तो वह व्यक्ति के कर्मों के फल को प्रभावित करता है। व्यापार में लगातार असफलता, क्लाइंट से विवाद, धन फँसना या योजनाओं का असफल हो जाना, यह सब ग्रहों की गड़बड़ी से होता है।
ग्रह शांति पूजा से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और शुभ ग्रहों की कृपा बढ़ती है। इससे व्यापार में सकारात्मक ऊर्जा आती है, और आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है।
ग्रह शांति पूजा कैसे करें?
ग्रह शांति पूजा घर में या किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा करवाई जा सकती है। इसका उद्देश्य होता है नवग्रहों की शांति एवं विशेष रूप से व्यापार में बाधा देने वाले ग्रहों का संतुलन।
1. पूजा का शुभ मुहूर्त चुनें
- रविवार, सोमवार, गुरुवार या शनिवार को ग्रह शांति हेतु उपयुक्त माना जाता है।
- किसी शुभ योग या पंचांग देखकर मुहूर्त सुनिश्चित करें।
2. नवग्रह स्थापना करें
- तांबे या पीतल के पात्रों में नवग्रह की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- उनके समक्ष दीपक, धूप, अक्षत, पुष्प, जल और पंचामृत अर्पण करें।
3. विशेष मंत्रों का जाप करें
प्रत्येक ग्रह के लिए विशेष मंत्रों का जाप आवश्यक होता है। जैसे:
- शनि मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
- राहु मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
- केतु मंत्र: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
- बुध मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
प्रत्येक मंत्र का 108 बार जाप करें।
4. हवन करें
हवन में गाय के घी, तिल, चावल और हवन समिधा का प्रयोग करें। प्रत्येक ग्रह मंत्र से आहुति दें।
5. दान-पुण्य करें
- शनि के लिए काले तिल, लोहा और तेल का दान करें।
- बुध के लिए हरे वस्त्र और मूंग दान करें।
- राहु-केतु के लिए नारियल और नीला वस्त्र दान करें।
व्यापार में बरकत के लिए अन्य वैदिक उपाय
यदि आप ग्रह शांति पूजा के साथ कुछ अन्य उपाय भी करते हैं, तो प्रभाव और भी शीघ्र मिलेगा:
1. श्री यंत्र की स्थापना
- व्यापार स्थल पर श्री यंत्र रखें।
- प्रतिदिन उसमें जल अर्पण करें और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
2. नियमित हनुमान चालीसा का पाठ
- व्यापार में शक्ति और स्थायित्व के लिए मंगलवार और शनिवार को पाठ करें।
3. ‘कुबेर मंत्र’ का जाप
- धन और व्यापार वृद्धि हेतु यह मंत्र जाप करें:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
ग्रह शांति से कैसे मिलती है व्यापार में बरकत?
- मानसिक शांति और स्पष्ट सोच आती है।
- ग्रहों की बाधा दूर होने से सौदे और निर्णय सफल होते हैं।
- पुराने अटके कार्य, पैसे और अवसर वापस आने लगते हैं।
- कर्म और भाग्य दोनों अनुकूल होते हैं।
निष्कर्ष
व्यापार में सफलता केवल मेहनत से नहीं मिलती, इसके लिए शुभ ग्रहों का साथ भी जरूरी होता है। यदि आप लगातार नुकसान, तनाव और अड़चनों का सामना कर रहे हैं, तो एक बार ग्रह शांति पूजा जरूर करें। यह वैदिक प्रक्रिया न केवल आपके ग्रहों को अनुकूल बनाएगी, बल्कि व्यापार में समृद्धि और स्थायित्व भी देगी।
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